गृह विभाग के साथ समीक्षा बैठक: मुख्यमंत्री योगी के निर्देश- 100 दिनों में अयोध्या में एसटीएफ इकाई गठित की जाए

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आने वाले समय में प्रदेश की जांच एजेंसियों और सुरक्षा एजेसियों को विदेश की अच्छी से अच्छी पुलिस का प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। इसके लिए एफबीआई की भी मदद ली जाएगी। ं जांच एजेंसियों को मजबूत करने और उन्हें बेहतर करने के लिए सीबीआई की तर्ज पर स्पेशल पुलिस स्टेबलिशमेंट एक्ट बनाने पर भी विचार किया जा रहा है। इसके लिए 100 दिन के भीतर इस पर कार्ययोजना बनाने को कहा है। बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनके मंत्रिमंडल के सामने गृह, होमगार्ड और कारागार विभाग का प्रस्तुतिकरण हुआ।
प्रस्तुतिकरण के दौरान मुख्यमंत्री को बताया गया कि क्राइम इंवेस्टीगेशन में प्रोफेशनल स्किल बढ़ाने के लिए एटीएस टीम को भारत के विभिन्न संस्थानों में प्रशिक्षण के साथ अमेरिकन सुरक्षा एजेंसी एफबीआई, होम लैंड सिक्योरिटी जैसी जांच, खुफिया एजेंसियों के साथ विदेशों में प्रशिक्षण भी कराया जाए। एटीएस में थानों की संख्या बढ़ाई जाए। अभी केवल एक थाना लखनऊ में है।
देवबंद, बहराइच, अलीगढ़, कानपुर, बहराइच समेत कई जिलों में एटीएस की नई फील्ड यूनिट गठित की जा रही है। नई इकाइयों के लिए आवश्यक मानव संसाधन उपलब्ध कराने के निर्देश मुख्यमंत्री की ओर से दिए गए। प्रदेश में तीन नई महिला पीएसी बटालियन के गठन पर विचार किया जा रहा है। यह बटालियन मिर्जापुर, बलरामपुर और जालौन में बनेगी। इसके लिए मुख्यमंत्री ने प्रस्ताव तैयार करने को कहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि रामपुर में कमांडो ट्रेनिंग सेंटर के लिए जमीन का चयन कर आगे की कार्रवाई पूरी कराएं। पुरुष टीम की तरह महिला कमांडो की एक दक्ष टीम बनाने के लिए कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
स्पेशल पुलिस ऑपरेशन टीम (स्पॉट) की नई टीम के लिए अगले 100 दिन में ऊर्जावान, दक्ष और समर्पित कार्मिकों का चयन करने के निर्देश दिए गए हैं। केंद्रीय पुलिस बल, भारतीय सेना के सहयोग से इनका प्रशिक्षण कराया जाएगा। इन्हें स्नाइपर ट्रेनिंग भी दिलाई जाए और आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए विशेष एडवेंचर कोर्स भी कराया जाए। अगले 100 दिनों में अयोध्या जिले में स्पेशल टास्क फोर्स की इकाई का गठन करने पर भी जोर दिया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस सुधार के लिए सभी अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए प्रशिक्षण महत्वपूर्ण है। इसके लिए प्रशिक्षण संस्थानों में वरिष्ठ अधिकारियों की तैनाती की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बीट पुलिस सेवा से जुड़कर महिला कर्मियों ने अच्छा काम किया है। प्रत्येक महिला बीट सिपाही को स्कूटी उपलब्ध कराने पर विचार करने को कहा है। इसी तरह 112 के रिस्पांस टाइम को और कम करते हुए 10 मिनट तक लाने के प्रयास करने को कहा है। पुलिस, अभियोजन और संगठन के लिए चरणबद्घ रूप से सिंगल विंडो सिस्टम लागू किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने में फुट पेट्रोलिंग की बड़ी अहमियत है। इसके लिए एक पोर्टल विकसित करने के निर्देश दिए गए हैं जहां फुट पेट्रोलिंग का पूरा विवरण दर्ज होगा। मुख्यमंत्री ने पीएसी के लिए कहा कि पिछली सरकारों ने शरारतपूर्ण ढंग से पीएसी की 54 कंपनियों को समाप्त कर दिया था। हमने उनको पुनर्जीवित किया है। नई बटालियन भी शुरू कीं हैं।
मुख्यमंत्री ने आधुनिक पुलिसिंग पर जोर देते हुए कहा कि डाटा एनालिटिक्स के लिए आईआईटी कानपुर की मदद से टूल विकसित किया जाए। सीसीटीवी में वीडियो एनालिटिक्स और मैनेजमेंट तकनीक को भी शामिल करने के निर्देश मुख्यमंत्री की ओर से दिए गए। एंटी ड्रोन अटैक सिस्टम और ड्रोन फॉरेंसिक के क्षेत्र में तकनीकी विकास की जरूरत बताई गई। सार्वजनिक स्थानों पर सीसीटीवी एवं 3000 पिंक बूथ की स्थापना के लिए प्रोजेक्ट मैनेजमेंट ग्रुप नियुक्त करने को कहा गया है। प्रस्तुतिकरण मे बताया गया है कि धार्मिक स्थलों के पास भी पिंक बूथ बनाए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कारागार को सुधार गृह के रूप में विकसित किया जाए। कई बार निर्दोष व्यक्ति को भी जेल जाना पड़ जाता है। बंदियों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए जिले की प्रतिष्ठित स्वयंसेवी संस्थाओं, प्राकृतिक खेती, एमएसएमई इकाइयों, कौशल विकास मिशन से भी इन्हें जोड़ा जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पांच वर्ष में उत्तर प्रदेश ने बेहतर कानून-व्यवस्था का एक मॉडल पेश किया है। प्रदेश से संगठित अपराध पूरी तरह समाप्त हो चुका है। अवैध रूप से अर्जित 2081 करोड़ की संपत्ति जब्त की जा चुकी है। आगे भी माफिया, अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी। उन्होनें कहा कि 25 करोड़ प्रदेशवासियों की सुरक्षा और सम्मान के लिए हमारी पुलिस 24 घंटे सातों दिन मुस्तैद है।

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