संसद: बजट सत्र का दूसरा चरण आज से, पहले दिन जम्मू-कश्मीर का बजट निर्मला सीतारमण करेंगी पेश

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नई दिल्ली. संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण सोमवार से शुरू हो रहा है। इस सत्र के भी हंगामेदार रहने के आसार हैं। एक ओर जहां विपक्ष सरकार को बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी, कर्मचारी भविष्य निधि पर ब्याज दर में कटौती और यूक्रेन में फंसे भारतीयों को निकालने समेत कई मुद्दों पर घेरेगा, वहीं सरकार के एजेंडे पर बजटीय प्रस्तावों पर मंजूरी लेना और जम्मू-कश्मीर के लिए बजट पेश करना पहली प्राथमिकता होगी।

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण सोमवार को ही जम्मू-कश्मीर के लिए बजट पेश करेंगी और इस पर भोजनावकाश के बाद चर्चा कराई जा सकती है। सरकार ने संविधान संशोधन (अनुसूचित जनजाति) आदेश बिल को भी लोकसभा में विचार और पारित करने के लिए सूचीबद्ध किया है। विदेशमंत्री एस जयशंकर इस सत्र में यूक्रेन के हालात और भारत के रुख पर बयान दे सकते हैं।

बजट सत्र का दूसरा चरण ऐसे समय में हो रहा है, जब चार दिन पहले ही उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर के विधानसभा चुनावों में भाजपा ने और पंजाब में आम आदमी पार्टी ने शानदार जीत हासिल की है। ऐसे में सरकार भी विपक्ष के आरोपों का पुरजोर जवाब देगी और जनादेश के दम पर विपक्षी दलों को घेरने की कोशिश करेगी।

दोनों सदनों की कार्यवाही साथ-साथ चलेगी
बजट सत्र के पहले चरण में 29 जनवरी से 11 फरवरी तक दो अलग-अलग पालियों में लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही संचालित हुई थी। कोरोना के हालात में काफी सुधार होने के चलते दोनों सदनों की कार्यवाही सुबह 11 बजे से साथ-साथ चलेगी।

केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर का तीसरा बजट
निर्मला सीतारमण प्रश्नकाल के बाद, केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद से राज्य का तीसरा बजट पेश करेंगी। राज्य से अनुच्छेद 370 और 35 ए के निरस्त होने के बाद यह तीसरा बजट होगा। इससे पहले के दोनों बजट 17 मार्च को पेश किए गए थे। बजट में मामूली वृद्धि हो सकती है। बीते साल की 1.08 लाख करोड़ की तुलना में इस बार का बजट लगभग 1.10 लाख करोड़ का हो सकता है। बजट में शहरों व ग्रामीण क्षेत्रों में आधारभूत विकास करने पर जोर दिया जा सकता है।

यूक्रेन, बेरोजगारी और ईपीएफ के मुद्दों पर सरकार को संसद में घेरेगी कांग्रेस
संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में कांग्रेस यूक्रेन, महंगाई, बेरोजगारी और ईपीएफ के मुद्दों पर सरकार को घेरेगी। सोमवार से शुरू हो रहे सत्र की रणनीति तय करने के लिए रविवार को पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास पर कांग्रेस संसदीय दल की बैठक हुई। पार्टी इन मुद्दों के साथ ही फसलों की एमएसपी आदि पर अन्य विपक्षी दलों के साथ साझा रणनीति बनाएगी।

राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने बताया किजनता से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई और तय हुआ कि किन मुद्दों को उठाना चाहिए। संसदीय सलाहकार समिति से जुड़े सभी सदस्यों ने इसमें हिस्सा लिया। उन्होंने बताया कि बिजनेस एडवाइजरी कमेटी में एजेंडा तय होने के बाद दल के नेता फैसला लेंगे क्या करना है। उन्होंने कहा कि सत्र के दौरान हम समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों के साथ समन्वय से जनता के हितों के मुद्दों को उठाएंगे।

राहुल गांधी बैठक से रहे नदारद…कांग्रेस नेता राहुल गांधी संसदीय दल की बैठक में शामिल नहीं हुए। खराब स्वास्थ्य के चलते पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी इसमें शिरकत नहीं कर सके। एके एंटनी और लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी भी बैठक से गैरहाजिर रहे।

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