आगरा. मुगल शहंशाह शाहजहां का तीन दिवसीय उर्स रविवार से ताजमहल में शुरू हो रहा है, जो एक मार्च तक मनाया जाएगा। इन तीन दिनों तक ताजमहल में शाहजहां मुमताज की भूमिगत असली कब्रें पर्यटक देख सकेंगे, वहीं आज से एक मार्च तक निशुल्क प्रवेश भी मिलेगा। आज और कल दोपहर दो बजे के बाद तथा एक मार्च को पूरे दिन पर्यटकों को निशुल्क प्रवेश मिल पाएगा।
ताजमहल में अगले तीन दिनों तक शहनाई की मधुर लहरियां सुनाई देंगी। रॉयल गेट पर शाहजहां उर्स के तीनों दिन शहनाई वादन के साथ मुख्य गुंबद पर शाम को कव्वालियां गूंजेंगी। दरअसल, आज से शाहजहां का उर्स शुरू हो रहा है।
पहले दिन रविवार को दोपहर दो बजे से मुख्य मकबरे में तहखाने में स्थित शाहजहां व मुमताज की कब्रों पर गुस्ल की रस्म से उर्स शुरू होगा। दूसरे दिन दोपहर दो बजे संदल चढ़ाया जाएगा। तीसरे दिन सुबह से शाम तक चादरपोशी का सिलसिला चलेगा। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने स्मारक के निशुल्क रहने की सूचना जारी कर दी है।
1381 मीटर लंबी हिंदुस्तानी सतरंगी चादर
शाहजहां उर्स पर तीसरे दिन यानी एक मार्च को दोपहर में सर्वधर्म सद्भाव की प्रतीक कपड़े की सतरंगी चादर चढ़ाई जाएगी। खुद्दाम-ए-रोजा कमेटी द्वारा इस बार 1381 मीटर लंबी चादर चढ़ाई जाएगी, पिछले वर्ष उर्स में 1331 मीटर लंबी चादर चढ़ाई गई थी। खुद्दाम-ए-रोजा कमेटी के अध्यक्ष हाजी ताहिरुद्दीन ताहिर ने बताया कि उर्स में चादरपोशी के लिए कपड़े की सतरंगी चादर तैयार कराई जा रही है। दक्षिणी गेट स्थित हनुमान मंदिर से यह चादर ताजमहल में ले जायी जाएगी।
फोरकोर्ट में होगा लंगर
शाहजहां के उर्स के दौरान भी ताजमहल का दक्षिणी गेट बंद रहेगा। दक्षिणी गेट से हिंदुस्तानी सतरंगी चादर ले जाई जाएगी, लेकिन दक्षिणी गेट से प्रवेश बंद रहेगा। यह चादर पश्चिमी गेट से ले जाई जाएगी। फोरकोर्ट में लंगर रहेगा। उर्स में 36 इंच से बड़े ढोल ताशे ताज के अंदर नहीं जाएंगे।