अमेरिका ने बाल्टिक देशों में भेजे सैनिक और हथियार, बाइडन बोले- रूस से लड़ने का हमारा कोई इरादा नहीं

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मॉस्को/कीव/वाशिंगटन. रूस-यूक्रेन संकट के बीच दोनों देशों की सीमा पर हालात बिगड़ने के आसार हैं। रूस की संसद ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के उस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत वे अपनी सेना को दूसरे देश में कार्रवाई करने के लिए भेज सकते हैं। इसे लेकर पुतिन ने कहा कि अभी उनके पास सारे विकल्प खुले हैं। दूसरी तरफ यूक्रेन में रूस की तरफ से उठाए जा रहे इन कदमों का पश्चिमी देशों ने माकूल जवाब देने का फैसला किया है। जहां पहले जर्मनी और ब्रिटेन ने रूस के खिलाफ प्रतिबंध लगाए तो वहीं अब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन देश को संबोधित कर रहे हैं। इस दौरान वह दुनिया को यूक्रेन में उठाए जाने वाले अपने कदमों की जानकारी देंगे।

रूस से लड़ने का इरादा नहीं : बाइडन
बाइडन ने कहा कि उनका रूस से लड़ने का कोई इरादा नहीं है- लेकिन नाटो क्षेत्र के हर इंच की रक्षा करने का संकल्प लिया है। बाइडन ने उन रिपोर्टों का जिक्र किया जिसमें कहा गया है कि रूस यूक्रेन के साथ लगती सीमा के पास ब्लड की आपूर्ति को स्टॉक कर रहा है, इसी के साथ बाइडन ने कहा कि जब तक आप युद्ध शुरू करने का इरादा नहीं रखते तब तक आपको ब्लड की आवश्यकता नहीं है। यानी पुति के इरादों से साफ पता चलता है कि रूस युद्ध की तैयारी कर रहा है।

रूस अब पश्चिम से धन नहीं जुटा सकता
बाइडन ने कहा कि मैं रूस के खिलाफ पहले शुरुआती प्रतिबंधों की घोषणा कर रहा हूं। उन्होंने संप्रभु ऋण से जुड़े प्रतिबंधों की घोषणा की। बाइडन ने कहा कि इन प्रतिबंधों का आशय रूसी सरकार को पश्चिम से आर्थिक तौर पर अलग-थलग करना है। उन्होंने कहा कि रूस अब पश्चिम से धन नहीं जुटा सकता है। रूस अड़ा रहा तो अमेरिका प्रतिबंधों को बढ़ाना जारी रखेगा।

बाइडन ने बाल्टिक में “रक्षात्मक कदम” की रूपरेखा तैयार की
राष्ट्रपति बाइडन ने कहा कि उन्होंने पूर्वी यूरोप में सहयोगियों के लिए अमेरिकी सेना की अतिरिक्त आवाजाही को अधिकृत कर दिया है। अपने भाषण में, बाइडन ने कहा कि बल और उपकरण – जो पहले से ही यूरोप में हैं – को एस्टोनिया, लातविया और लिथुआनिया के बाल्टिक देशों में भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि “मैं स्पष्ट कर दूं, ये हमारी ओर से रक्षात्मक कदम हैं।” “रूस से लड़ने का हमारा कोई इरादा नहीं है।” बाइडन ने कहा कि यह तैनाती, अमेरिकी सहयोगियों को एक संदेश भेजने के लिए है कि वह नाटो क्षेत्र की रक्षा करेगा और अपनी संधि प्रतिबद्धताओं का पालन करेगा।

नॉर्ड स्ट्रीम 2 पाइपलाइन प्रोजेक्ट आगे नहीं बढ़ने देंगे: बाइडन
बाइडन ने कहा कि नॉर्ड स्ट्रीम-2 पाइपलाइन प्रोजेक्ट आगे न बढ़े इसके लिए वह जर्मनी के साथ मिलकर काम करेंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर रूस आक्रामकता जारी रखता है तो उसे और भी कड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी, जिसमें और भी कड़े प्रतिबंध शामिल हैं।

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