गैरसैंण(चमोली)। विधानसभा के बजट सत्र में शुक्रवार को विपक्ष ने महंगाई का मुद्दा उठाते हुए सरकार को घेरने का प्रयास किया। विपक्ष का कहना था कि प्रदेशवासी महंगाई की मार से त्रस्त हैं, लेकिन सरकार कीमतों पर न तो नियंत्रण कर पा रही और न आमजन को सस्ते गल्ले की दुकानों से रियायती दर पर खाद्यान्न ही उपलब्ध करा पा रही है। हालांकि, सरकार की ओर से संसदीय कार्यमंत्री मदन कौशिक ने कहा कि महंगाई नियंत्रण में हैं और आंकड़े इसकी तस्दीक करते हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासित राज्यों की तुलना में उत्तराखंड में जरूरी वस्तुओं की कीमतें काफी कम हैं। विपक्ष ने सरकार पर आंकड़ों की दलील देकर विषय से भटकाने का आरोप लगाते हुए सदन से वॉकआउट कर दिया।
शुक्रवार को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश ने सभी कामकाज रोककर नियम 310 में महंगाई के मुद्दे पर चर्चा की मांग की। पीठ द्वारा कार्य स्थगन की ग्राह्यता पर सुनने की व्यवस्था दी गई। शून्यकाल में इस विषय पर बात रखते हुए नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि समूचा प्रदेश महंगाई की चपेट में है।
रसोई गैस के दाम बढ़े हैं तो दुग्ध उत्पादों के भी। पेट्रोल-डीजल के भी दाम बढ़े हैं। जरूरत की वस्तुओं के साथ खाद्यान्न की कीमतें काफी अधिक हैं। ऐसे में महंगाई के चलते आमजन का जीना दुश्वार हो गया है। विधायक प्रीतम सिंह, गोविंद सिंह कुंजवाल, करन माहरा, फुरकान अहमद, हरीश धामी ने कहा कि सरकार सत्ता के मद में चूर है और उसे जनता की परेशानी कहीं नजर नहीं आ रही। जनता महंगाई से पीड़ीत है, मगर सरकार को यह नजर नहीं आ रहा। हर वस्तु के दाम दोगुना हो गए हैं।
जवाब देते हुए संसदीय कार्यमंत्री मदन कौशिक ने कहा कि अगर विपक्ष ने आर्थिक सर्वेक्षण की पुस्तक पढ़ी होती तो यह विषय आता ही नहीं। आंकड़े देते हुए उन्होंने कहा कि एसजीडीपी में बढ़ोतरी हुई है। राज्य में प्रतिव्यक्ति आय भी बढ़ी है। यह डबल इंजन का असर है। उन्होंने कांग्रेस शासित राज्यों के विभिन्न शहरों और देहरादून में जरूरी वस्तुओं की कीमतों में अंतर का उल्लेख किया तो विपक्ष ने सरकार पर विषय से भटकाने का आरोप लगाते हुए सदन से वॉकआउट कर दिया। हालांकि, मंत्री कौशिक ने अपनी बात जारी रखी और कहा कि महंगाई नियंत्रण में है।