हुकूमत एक्सप्रेस
बरेली। झुमके के लिए मशहूर बरेली को अब विश्व भर में एक अलग पहचान मिल गयी है। सन् 1966 में आई फिल्म मेरा साया में अभिनेत्री साधना पर फिल्माया गया गीत- झुमका गिरा रे, बरेली के बाजार में…। इस गीत को शब्दों में पिरोने वाले गीतकार राजा मेहंदी अली खान ने भी शायद नहीं सोचा होगा कि उनके शब्द हकीकत में जमीन पर उतरेंगे।
इस गाने के बाद बरेली की पहचान झुमका वाले शहर से होनी लगी। अब इस पहचान को करीब से देख भी सकेंगे। बरेली विकास प्राधिकरण ने बरेली-दिल्ली हाईवे पर परसाखेड़ा जीरो प्वाइंट पर विशाल झुमका प्रतिकृति लगवाई है वह लोगों के आर्कषण का केन्द्र बनी हुई है। देर रात तक लोग इसका दीदार करने के लिए आते रहते हैं तो वहीं बाहर से आने वाले भी इस 30 फिट लम्बे झुमके को भाव विभोर होकर देखते है। बरेली झुमका के साथ सूरमेदानी के लिए भी मशहूर है। झुमका की प्रतिकृति लगाने के बाद लगता है प्रशासन अब अगले प्रोजेक्ट में लगेगा।
एक साल पहले झुमका लगाने का विचार आया तो प्राधिकरण के अधिकारियों ने गुरुग्राम की एक फर्म से बात की। उसी ने डिजाइन तैयार किया। इसके बाद बनाने का जिम्मा मुरादाबाद के कारीगरों को दिया गया। इसका अधिकतम हिस्सा पीतल से बनाया गया, जिसमें करीब साठ लाख रुपये लगे। वहां के कारीगरों ने चार महीने मेहनत की तब जाकर दो क्विंटल वजन वाला झुमका तैयार हो सका। जनवरी में इसे शहर लाया गया था और गत फरवरी को इसका उद्घाटन केन्द्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने किया था। अब यह स्थान लोगो ंके लिए सेल्फी प्वाइंट भी बन चुका है।
गाने के बोल के साथ बरेली की पहचान झुमके वाले शहर के तौर पर हो चुकी। दूसरे शहरों के लोग बरेली में प्रवेश करें, इससे पहले ही झुमका देखने को मिल जाए, इसलिए प्राधिकरण ने इसे लगवाने की जगह परसाखेड़ा जीरो प्वाइंट तय की। दिल्ली की ओर से बरेली आएंगे तो पहले झुमके का दीदार होगा, इसके बाद पांच किमी चलेंगे तब शहर के अंदर पहुंचेंगे। इसे लगवाने के लिए 14 फीट ऊंचा फाउंडेशन बनवाया गया है।