हरिद्वार। मौनी अमावस्या पर उत्तराखंड में विभिन्न स्थानों पर लाखों श्रद्धालुओं ने मौन रखकर गंगा एवं उसकी सहायक नदियों में आस्था की डुबकी लगाई। हरिद्वार में हरकी पैड़ी समेत विभिन्न घाटों पर शाम पांच बजे तक पांच लाख से अधिक श्रद्धालु गंगा स्नान कर चुके थे। श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान के साथ ही पूजा-अर्चना व गुप्त दान का पुण्य भी अर्जित किया। इसके अलावा तिल और गुड़ का दान भी किया गया।
हरिद्वार स्थित हरकी पैड़ी में ब्रह्ममुहुर्त से ही श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था। जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया, श्रद्धालुओं की भीड़ भी बढ़ती चली गई। दोपहर तक हरकी पैड़ी, सर्वानंद घाट, बिरला घाट, लवकुश घाट, विश्वकर्मा घाट, प्रेमनगर आश्रम घाट खचाखच भर चुके थे। यह सिलसिला देर शाम तक चलता रहा। स्नान के बाद श्रद्धालुजनों ने दूध, दही, घी, शक्कर, शहद, अक्षत, सुगंध, पुष्प, धूप, दीप और नैवेद्य से गंगा की पूजा-अर्चना करने के साथ ही गंगा अभिषेक भी किया। मंदिरों में भी दिनभर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा।
तीर्थनगरी ऋषिकेश में भी त्रिवेणी घाट में दिनभर पुण्य की डुबकियां लगती रहीं। श्रद्धालुओं ने पौराणिक चंद्रेश्वर महादेव, सोमेश्वर महादेव, वीरभद्रेश्वर महादेव और पौराणिक श्री भरत मंदिर में जलाभिषेक व पूजा-अर्चना की। इसके अलावा अलकनंदा व भागीरथी के संगम देवप्रयाग, श्रीनगर, रुद्रप्रयाग, कर्णप्रयाग, नंदप्रयाग, विष्णु प्रयाग, उत्तरकाशी, विकासनगर आदि स्थानों पर गंगा एवं उसकी सहायक नदियों में भी मौनी अमावस्या पर आस्था का सैलाब उमड़ा रहा।