गोरखपुर। कोहरे में ट्रेनों की रफ्तार थमने लगी है। लंबी दूरी की गाडियां दो से 12 घंटे की देरी से चल रही हैं। विशेषकर दिल्ली रूट पर ट्रेनों का संचलन कुछ ज्यादा ही प्रभावित हुआ है। इंतजार में यात्री ठिठुरने को मजबूर हैं।
सोमवार को भी महत्वपूर्ण ट्रेनें विलंब से चलीं। मुंबई से चलने वाली 11015 कुशीनगर एक्सप्रेस 11 घंटे की देरी से सुबह की बजाए शाम को गोरखपुर पहुंची। दिल्ली से आने वाली गोरखधाम, वैशाली और हमसफर एक्सप्रेस चार घंटे से अधिक की देरी से गोरखपुर पहुंची। यह ट्रेनें भी इधर सुबह की बजाए शाम को गोरखपुर पहुंच रही हैं। यात्री ट्रेन में भूखे-प्यासे ठंड में ठिठुर रहे हैं। उनके परिजन घर पर उनके आने का इंतजार कर रहे हैं। अब तो कड़ाके की ठंड में सर्द हवाओं के बीच प्लेटफार्मों पर ट्रेनों का इंतजार भारी पडने लगा है। गोरखपुर जंक्शन पर यात्रियों को बैठने तक की जगह नहीं मिल पा रही। लोग कोने में दुबक कर ट्रेनों का इंतजार कर रहे हैं। बश्चे, महिला, बुजुर्ग और मरीज यात्रियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। दरअसल, गोरखपुर जंक्शन पर निर्माण कार्य चल रहा है। वेटिंग हॉल के नव निर्माण के चलते जनरल यात्रियों को बैठने के लिए ठौर नहीं मिल पा रहा। यात्री स्टेशन परिसर में भटकने को मजबूर हैं। वैसे भी रेलवे प्रशासन ने निर्बाध ट्रेन संचलन को लेकर कुछ ट्रेनों को निरस्त कर दिया है। कुछ गाडियां आंशिक रूप से निरस्त की गई हैं। संरक्षा और सुरक्षा को देखते हुए ट्रेनों को नियंत्रित कर चलाया जा रहा है।