28 दिसम्बर तक धारा 144 लागू, कोई जुलूस, जलसा, शोभायात्रा बिना अनुमति के नहीं निकाली जायेगी

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हुकूमत एक्सप्रेस
मुरादाबाद। जिला मजिस्टेªट राकेश कुमार सिंह ने नागरिकता संशोधन अधिनियम – 2019 (सी0ए0ए0) का विरोध होने एवं जनपद मुरादाबाद की संवेदनशीलता के परिप्रेक्ष्य में शान्ति एवं कानून व्यवस्था तथा साम्प्रदायिक सौहार्द बनाये रखने हेतु आगामी दिनांक 28 दिसम्बर 2019 तक जनपद मुरादाबाद में दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के अधीन निषेधाज्ञा लागू कर दी है। उन्होंने निषेधाज्ञा को कड़ाई पूर्वक पालन करने का आहवान करते हुए स्पष्ट किया है कि कोई भी व्यक्ति दिनांक 27 दिसम्बर एवं 28 दिसम्बर को प्रभावी निषेधाज्ञा का उल्लंघन करेगा तो वह भारतीय दण्ड विधान की धारा 188 के अन्र्तगत दण्डनीय होगा। निषेधाज्ञा के उल्लंघन के परिणाम स्वरुप परिवाद संबंधित अधिकारिता वाले क्षेत्रीय मजिस्टेªट द्वारा दाखिल किया जायेगा।
जिला मजिस्टेªट ने निषेधाज्ञा की अवधि मंे वर्जित क्रियाकलापों की जानकारी देते हुए बताया कि कोई भी व्यक्ति किसी प्रकार का जुलूस, प्रदर्शन, मीटिंग या जनसभा बिना सक्षम प्राधिकारी की अनुमति के नही करेगा और किसी भी जुलूस अथवा बैठक करने की अनुमति जिला मजिस्टेªट/अपर जिला मजिस्टेªट/उपजिला मजिस्टेªट से यथा स्थिति प्राप्त करना आवश्यक होगा। कोई भी व्यक्ति किसी प्रकार के नये धार्मिक कार्यो/जुलूस /शोभायात्रा आदि का बिना सक्षम प्राधिकारी के आदेशों के प्रारम्भ नही करेगा अर्थात् किसी प्रकार की कोई नयी धार्मिक परम्परा प्रारम्भ नही की जाएगी। इसके अतिरिक्त 5 या 5 से अधिक व्यक्ति समूह के रुप में एक स्थान पर एकत्रित नही होंगे किन्तु यह प्रतिबंध धार्मिक स्थलों, बारात, शवयात्रा तथा सार्वजनिक स्थल यथा रेलवे स्टेशन, रोडवेज स्टेशन पर लागू नही होगा। कोई भी व्यक्ति किसी भी भवन पर ईंट, पत्थर आदि के टुकडो को जमा नही करेगा, किसी भी स्थान पर गली या सड़क पर लाठी, डंडा, तलवार, भाला या आग्नेयास्त्र, विस्फोटक पदार्थ, तेजाब या अन्य चीज जो हथियार के रुप में प्रयोग की जाती हो या जिसमें जान माल का नुकसान हो सकता है, स्वयं या किसी सवारी आदि में न तो ले जायेगा न किसी को ले जाने के लिए प्रेरित करेगा।
जिला मजिस्टेªट ने बताया कि निषेधाज्ञा के दौरान कोई भी व्यक्ति रेलवे प्रतिष्ठान, रेलवे स्टेशन , शिक्षा संस्थान, दुकान अथवा सार्वजनिक स्थल/प्रतिष्ठान को जबरदस्ती बंद नही करायेगा और न तोड-फोड करेगा और न ही ऐसा करने के लिए किसी को प्रेरित करेगा। कोई भी व्यक्ति किसी प्रकार का कोई धार्मिक उन्माद नही फैलायेगा और किसी प्रकार की लिखित अथवा मौखिक रुप से ऐसी कोई बात या अफवाह प्रसारित अथवा प्रकाशित नही करेगा अथवा कोई ऐसा कार्य नही करेगा या भाषण आदि नही देगा जिससे किसी धर्म, सम्प्रदाय, जाति अथवा सामाजिक वर्ग की भावनाआंे को ठेस पहंुचे अथवा तनाव उत्पन्न हो। कोई भी व्यक्ति जलापूर्ति, विद्युतापूर्ति व्यवस्था व आवागमन में किसी प्रकार का अवरोध उत्पन्न नही करेगा और न ही किसी को ऐसा करने के लिए प्रेरित करेगा। उन्होंने बताया कि निषेधाज्ञा के दौरान कोई भी शस्त्र अनुज्ञापी अपने शस्त्र का सार्वजनिक रुप से प्रदर्शन नही करेगा।

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