एजेंसी न्यूज
नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी की इसरो ने चंद्रयान के बाद बुधवार को फिर सफल प्रयास किया हैं। इसरो ने 11 दिसंबर 2019 को दोपहर 3.25 बजे राडार इमेजिंग सैटेलाइट रीसैट-2बीआर1 को लॉंच किया। इसरो की तरफ से राडार इमेजिंग सैटेलाइट रीसैट-2बीआर1 की सफल लॉन्चिंग की गई। राडार इमेजिंग सैटेलाइट रीसैट-2बीआर1 की सफल लॉन्चिंग ने देश की सुरक्षा को और मजबूत किया हैं। इस सफल लॉन्चिंग के बाद देश की सीमा सुरक्षा पर नजर सरखना और आसान होने वाला हैं। इस सैटेलाइट की खास बात ये है कि अपना काम हर अवस्था मे करेगी चाहे मौसम खराब हो या फिर अंधेरा हो। इससे पहले खराब मौसम के कारण सैटेलाइट काम करना बंद कर देती थी लेकिन अब मौसम कितना भी खराब हो और आसमान में कितने भी बादल छाए हो अब ये सैटेलाइट बीना रोक के काम करेगी।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बुधवार को भारत के रडार इमेजिंग पृथ्वी निगरानी उपग्रह रिसैट-2बीआर1 और नौ विदेशी उपग्रहों का प्रक्षेपण किया। यह प्रक्षेपण पीएसएलवी-सी48 रॉकेट के जरिए यहां सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से किया गया। सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के प्रथम लॉन्चपैड से अपराह्न तीन बजकर 25 मिनट पर 44.4 मीटर लंबे रॉकेट ने उड़ान भरी। यह पीएसएलवी की 50वीं उड़ान है और यह उसका श्रीहरिकोटा से 75 वां मिशन है। कृषि, वन एवं आपदा प्रबंधन में सहायता उपलब्ध कराने के मकसद से तैयार किये गये इस उपग्रह का वजन 628 किलोग्राम है।इसरो सूत्रों ने बताया कि यह सैन्य उद्देश्यों के लिए भी काम करेगा। प्रक्षेपित किये गये नौ उपग्रहों में से छह उपग्रह अमेरिका और इटली, जापान और इजराइल का एक-एक उपग्रह शामिल है।