एजेंसीं न्यूज
नई दिल्ली। अब भविष्य में किसी पूर्व प्रधानमंत्री के परिवार को एसपीजी की सुरक्षा नहीं मिलेगी। सरकार इसके लिए पुख्ता इंतजाम करने जा रही है। इस सिलसिले में संसद के चालू सत्र के दौरान ही अगले हफ्ते एसपीजी कानून में संशोधन का विधेयक पेश किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक पहले ही इन संशोधनों को हरी झंडी दे चुकी है। फिलहाल सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ही एसपीजी सुरक्षा मिली हुई है।
ध्यान देने की बात है दो हफ्ते पहले ही सरकार ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को 1991 से मिल रही एसपीजी सुरक्षा हटा ली थी और उसकी जगह सीआरपीएफ की जेड प्लस सुरक्षा दी गई है। कांग्रेस लगातार सरकार के इस फैसले का विरोध कर रही है और इसे राजनीति से प्रेरित बता रही है।
शुक्रवार को संसदीय कार्य राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा को बताया है कि एसपीजी कानून में संशोधन से संबंधित विधेयक अगले हफ्ते की सदन की कार्यवाही की सूची में शामिल किया गया है। इसमें पूर्व प्रधानमंत्री के परिवार के सदस्यों को एसपीजी सुरक्षा देने के प्रावधान को हटा दिया जाएगा। सूत्रों के अनुसार एसपीजी कानून के तहत पूर्व प्रधानमंत्री को पद छोड़ने के एक साल बाद तक या फिर खतरे के आंकलन के आधार पर एसपीजी सुरक्षा देने के प्रावधान में परिवर्तन नहीं किया जाएगा।
एसपीजी कानून में संशोधन का फैसला सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की एसपीजी सुरक्षा हटाने के तत्काल बाद आया है। उस समय सरकार की ओर से साफ किया गया था कि पिछले महीने सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी पर खतरे का सालाना आकलन किया गया था, जिसमें सुरक्षा एजेंसियों ने पाया कि इन तीनों पर खतरे की आशंका अपेक्षाकृत कम हुई है और उनकी सुरक्षा एसपीजी के बजाय किसी दूसरी एजेंसी को दी जा सकती है। इसी के आधार पर गृहमंत्रालय ने इन तीनों को एसपीजी की जगह सीआरपीएफ की जेड प्लस सिक्यूरिटी उपलब्ध कराने का फैसला किया गया।