हनोल में भालू की धमक से उड़ी लोगों की नींद

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देहरादून। पर्यटन नगरी हनोल में भालू की धमक से लोगों व पर्यटकों की नींद उड़ी हुई है। वन विभाग मोल्टा रेंज की टीम लगातार दो दिन से हनोल से भालू भगाने में जुटी है, लेकिन अभी तक सफलता नहीं मिल पाई है। शुक्रवार सुबह और शाम भालू हनोल मंदिर के समीप लोगों को घूमता दिखाई दिया। हनोल मंदिर समिति के पदाधिकारियों ने ठहरे श्रद्धालुओं से रात्रि में बाहर नहीं घूमने की अपील की है।
चकराता वन प्रभाग अंतर्गत मोल्टा रेंज चातरा के जंगल की सीमा से सटे पर्यटन स्थल हनोल के पास पिछले दो दिन से भालू का आतंक है। भालू के डर से लोगों का घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। खासकर लोग बच्चों को अकेले इधर-उधर भेजने से कतरा रहे हैं। भालू ने हनोल निवासी ग्रामीण पशुपालक राम सिंह को हमला कर घायल कर दिया। जिसका उपचार राजकीय अस्पताल त्यूणी में चल रहा है। सूचना के तुंरत बाद हरकत में आई वन विभाग टीम ने हनोल में गश्त बढ़ा दी थी।
डीएफओ चकराता दीपचंद आर्य व एसीएफ त्यूणी सुबोध काला के निर्देशन में रेंज अधिकारी मोल्टा दिनेशचंद नौटियाल ने वन विभाग टीम को मौके पर भेज भालू को आबादी से दूर जंगल में खदेड़ने का प्रयास किया पर सफलता नहीं मिली। गांव के कुछ लोगों ने भालू को मंदिर के ठीक नीचे टोंस किनारे खत वन के जंगल में देखा। वन दारोगा दिनेश पंवार की अगुआई में वन विभाग टीम ने हनोल मंदिर और गांव के आसपास सिविल सोयम के जंगल में भालू को आबादी से दूर जंगल में खदेड़ने को कई जगह पटाखे जलाए और हवाई फायर की।
भालू को गांव से दूर खदेड़ने में जुटी मोल्टा रेंज की टीम को दो दिन से कोई सफलता हाथ नहीं लगी। भालू की सक्रियता से ग्रामीण रात में घर से बाहर नहीं निकल रहे। मंदिर समिति ने महासू देवता के दर्शन करने हनोल आए श्रद्धालुओं को सुरक्षा के लिहाज से रात में कहीं इधर-उधर जाने से मना किया है। रेंजर ने लोगों से सावधानी बरतने को कहा है। वहीं, डीएफओ चकराता दीपचंद आर्य ने वन विभाग टीम को संवेदनशील मामले में किसी प्रकार की कोताही बरतने पर सख्त कार्रवाई करने की बात कही है।

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