कोटद्वार। कोटद्वार-दुगड्डा के बीच जल संस्थान के फिल्टर हाउस परिसर में बच्चे समेत पहुंची एक हथिनी ने जब खुद को घिरा पाया, तो उसने परिसर की चाहरदीवारी का एक हिस्सा गिरा दिया। फिर बच्चे समेत सुरक्षित परिसर क्षेत्र से बाहर निकल जंगल की ओर चली गई। हैरानी की बात तो यह है कि परिसर में तैनात कर्मी हथिनी के समीप जाकर ही पूरी घटना का वीडियो बनाते रहे, लेकिन हथिनी बच्चे की सुरक्षा के लिए शांत होकर परिसर से बाहर निकलने का रास्ता तलाशती रही।
कॉर्बेट टाइबर रिजर्व और राजाजी नेशनल पार्क के मध्य अवस्थित लैंसडौन वन प्रभाग की पहचान उन हाथियों से है, जो दोनों राष्ट्रीय पार्कों के मध्य प्रभाग के जंगलों को बतौर कॉरीडोर प्रयोग में लाते हैं। इसी कॉरीडोर से गुजर रहे नजीबाबाद-बुआखाल राष्ट्रीय राजमार्ग पर भी कई मर्तबा हाथियों का झुंड उतर आता है। हाथी वन क्षेत्र में बह रही खोह नदी में पानी पीने के लिए उतरते हैं।
कोटद्वार-दुगड्डा मार्ग पर एक हथिनी अपने बच्चे के साथ जंगल से खोह नदी में पानी पाने उतरी। पानी पीने के बाद हथिनी बच्चे के साथ जंगल के दूसरे हिस्से की ओर बढ़ते हुए इसी मार्ग पर स्थित जल संस्थान के फिल्टर हाउस परिसर में पहुंच गई। फिल्टर हाउस में राजमार्ग की ओर दीवार है, जबकि दो हिस्सों में दीवार नहीं है। हथिनी को राजमार्ग पार करने के बाद ही जंगल पहुंचना था, लेकिन परिसर की दीवार हथिनी की राह में रोड़ा बन गई।