दून में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सभी वर्गों ने किया स्वागत

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देहरादून। अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का राज्य में सभी वर्गों ने स्घ्वागत किया है। वहीं, संतों ने सत्घ्य की विजय करार दिया, जबकि उलेमाओं ने भी फैसले का स्वागत किया है। उधर, सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने फैसले के मद्देनजर समाज में शांति, सौहार्द व एकता बनाये रखना हम सबकी जिम्मेदारी है।
सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मामले में एतिहासिक फैसला दिया। सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि अयोध्या मामले पर सर्वोच्च न्यायालय का फैसला भारतीय न्याय व्यवस्था की निष्पक्षता और न्याय व्यवस्था पर 130 करोड़ लोगों के विश्वास का उत्तम उदाहरण है। सभी से अपील है, कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हुए शांति, सद्भाव और एकता बनाए रखें। उत्तरकाशी में राम कथा का वाचन कर रहे मोरारी बापू ने देश वासियों को संदेश देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का सम्मान करें। देश में एकता और अंखडता व शांतिपूर्ण बनाए रखें।
हरिद्वार में अयोध्या मसले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को संतों ने सत्घ्य की विजय करार दिया। साथ ही इसे एतिहासिक फैसला बताया। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्री महंत नरेंद्र गिरि, महामंडलेश्वर कैलाशानंद ब्रह्मचारी, भूमा पीठाधीश्वर स्वामी अच्युतानंद तीर्थ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने सही को सही और गलत को गलत साबित किया है। संतों ने सभी पक्षों से सांप्रदायिक सौहार्द और शांति बनाए रखने की अपील भी की। संत सुबह से ही सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहे थे।
हरिद्वार में अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उलेमाओं ने भी स्वागत किया है। जमीयत उलेमा ए हिंद के उत्तराखंड सदर मौलाना आरिफ कासमी ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला सर्वमान्य है। इसमें किसी की जीत या हार नहीं हुई है। सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मसले पर सुप्रीम फैसला सुनाया है। हम सब इसका सम्मान करते हैं और लोगों से अपील करते हैं कि आप से प्यार व सद्भाव बनाए रखें।
अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले से संतों में उत्साह है। संतों ने फैसले का स्वागत करते हुए सभी वर्गों से शांत और सद्भाव बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि न्यायालय ने अयोध्या मामले में सर्वोपरि समाधान निकाला है। यह न्याय की जीत है। दूसरी ओर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने केंद्र सरकार से मांग की है कि सुप्र्रीम कोर्ट के आदेश में मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट बनाने को कहा गया है। इस ट्रस्ट में परिषद के अध्यक्ष और महामंत्री को पदेन सदस्य बनाया जाए।
शनिवार को हरिद्वार में मीडिया से बातचीत में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी ने कहा कि यह किसी पक्ष की नहीं, बल्कि न्याय की जीत है। उन्होंने कहा कि सभी पक्षों को फैसले का सम्मान करना चाहिए। श्रीमहंत ने कहा कि जल्द ही संतों का एक दल अखाड़ा परिषद के नेतृत्व में अयोध्या जाएगा।

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