एजेंसी न्यूज
लखनऊ। हिंदू समाज पार्टी के राष्टीय अध्यक्ष तथा हिंदू महासभा के नेता कमलेश तिवारी की शुक्रवार की हत्या का उत्तर प्रदेश पुलिस ने 24 घंटा में राजफाश का दावा किया है। उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने दावा किया कि इस हत्याकांड के मुख्य साजिशकर्ता फैजान यूनुस भाई के साथ दो लोगों को हिरासत में लिया गया है। उन्होंने प्रेस कान्फ्रेंस में बताया कि यूपी पुलिस ने गुजरात एटीएस की मदद से कमलेश तिवारी हत्याकांड का राजफाश किया है।
डीजीपी ओपी सिंह ने बताया कि कमलेश तिवारी की हत्या के षडयंत्र के मामले में गुजरात से मौलाना शेख सलीम, फैजान और राशिद पठान को हिरासत में लिया गया है। सभी युवा हैं। फैजान ने ही सूरत में दुकान से मिठाई खरीदी थी। फैजान की उम्र 21 साल है। सूरत में रहता है और जूते की शॉप में नौकरी करता है। फैजान कम्प्यूटर का जानकार है। मौलाना मोहसिन शेख की उम्र 24 वर्ष है वह सूरत में ही एक साड़ी की दुकान में काम करता है। रशीद अहमद पठान को कम्प्यूटर का अच्छा खासा ज्ञान है, लेकिन दर्जी का काम करता है। 23 वर्षीय राशिद अहमद खुर्शीद अहमद पठान ने शुरुआती प्लान बनाया था और उसी को मौलाना सलीम शेख ने उकसाने का काम किया।
2015 में कमलेश ने कुछ आपत्तिजनक बात कही थी जिसके बाद मौलाना ने रशीद को उकसाया। फैजान मिठाई खरीदने में शामिल रहा, उससे पूछताछ कर रहे हैं।इन तीनों को सूरत के लिंबायत से हिरासत में लिया गया है। हत्यारे सूरत के एक दुकान में मिठाई खरीदते हुए सीसीटीवी में कैद हुए थे।
डीजीपी ने कहा कि 2015 में विवादित बयान के कारण कमलेश तिवारी की हत्या की गई है। कमलेश तिवारी हत्याकांड में अभी तक किसी आतंकवादी संगठन से कनेक्शन नहीं पाया गया। अभी तक की पूछताछ में यही निष्कर्ष निकला है कि हत्या का मुख्य कारण कमलेश तिवारी का 2015 का भड़काऊ भाषण ही है। गुजरात के 2017 के आतंकी मामले का इस घटना का कोई कनेक्शन नहीं है।
डीजीपी ओपी सिंह ने बताया कि अब लखनऊ पुलिस की एक और टीम गुजरात जाएगी। जहां पर तीनों को रिमांड पर लेकर लखनऊ लाएंगे। इनके साथ ही शुक्रवार देर रात में बिजनौर से भी तीन लोगों को हिरासत में लिया गया है। डीजीपी ने कहा कि हम बिजनौर कनेक्शन की भी जांच कर रहे हैं। वहां मौलाना के साथ दो अन्य पर नजर है। उनसे काफी देर पूछताछ की गई है। दो को फिलहाल रिहा किया गया है, लेकिन हम उन पर भी नजर बनाए हुए हैं। डीजीपी ओपी सिंह ने बताया कि कमलेश तिवारी के परिजनों की प्राथमिकी में बिजनौर निवासी अनवारूल हक और नईम काजमी के नाम हैं और उन्हें भी हिरासत में ले कर पूछताछ की जा रही है।
कमलेश तिवारी के घर के पास से मिले सीसीटीवी में दिखी महिला के बारे में डीजीपी ने कहा कि अभी तक इसकी कोई पुष्टि नहीं है। हत्या करने वाले गुजरात मे रहते हैं, लेकिन यूपी का उनका कनेक्शन है। अब पुलिस जल्दी ही हत्या करने वालों के पास पहुंच जाएगी। हम उत्तर प्रदेश की सीमा के साथ ही नेपाल बॉर्डर पर भी निगाह रख रहे हैं, वहां पर भी पेट्रोलिंग की जा रही है। कमलेश तिवारी को सुरक्षा की बाबत उन्होंने कहा कि पुलिस की तरफ से कमलेश तिवारी को सुरक्षा दी गई थी। उनकी हत्या करने के बाद फरार दोनों आरोपितों के पीछे पुलिस लगी है। इनकी भी जल्द गिरफ्तारी होगी। इस हत्या के मामले में अभी तक किसी आतंकी संगठन की भूमिका सामने नहीं आई है।